भजनमाळा ][ ५
श्री चोवीस तीर्थंकर स्तुति
[स्वयंभू स्तोत्र भाषा]
(चोपाई)
राज विषे जुगलनि सुख कियो,
राज त्याग भुवि शिवपद लियो;
स्वयंबोध स्वयंभू भगवान,
वंदूं आदिनाथ गुणखान.... १
इन्द्र क्षीर सागर जल लाय,
मेरु न्हवाये गाय बजाय;
मदन-विनाशक सुख करतार,
वंदूं अजित अजित पद कार... २
शुक्ल ध्यान करि करम विनाशी,
घाति अघाति सकल दुःखराशि;
लह्यो मुक्तिपद सुख अधिकार,
वंदूं संभव भवदुःख टार... ३
माता पच्छिम रयनमंझार,
सुपने सोलह देखे सार,
भूप पूछी फल सुनि हरषाय,
वंदूं अभिनंदन मनलाय.... ४