Shri Jinendra Bhajan Mala-Gujarati (Devanagari transliteration).

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भजनमाळा ][ १५
ज्ञान महानिधि मोहि दियो प्रभु!
रंक भयो इनको नहि पाई,
बार हिं बार पुकारतु हों
जनकी विनति सुनिये जिनराई....
यह विनति सुन सेवककी
निज मारगमें प्रभु लेहु लगाई
मैं तुम दास रह्यो तुमरे संग
लाज रह्यो शरणागति आई;
मैं तुव दास उदास भयो
तुमरी गुणमाला साद उर लाई,
बार हिं बार पुकारतु हों
जनकी विनति सुनिये जिनराई....
देर करो मत श्री करुणानिधि
जो पत राखनहार निकाई,
योग जुरे क्रमसों प्रभुजी यह
न्याय हजूर भयो तुम आई;
आन रह्यो शरणागति हों
तुमरा सुनके तिहुंलोक बडाई,
बार हिं बार पुकारतु हों
जनकी विनति सुनिये जिनराई....
मैं प्रभुजी तुम्हरी समहू
इन अंतर पार दियो दुसराई,