Shri Jinendra Bhajan Mala-Gujarati (Devanagari transliteration).

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भजनमाळा ][ २७
भरम्यो संसाराजी, चिर विपत्ति भंडाराजी,
कहीं सार न सार चहुंगति डोलियाजी...३
दुःख मेरु समानाजी, सुख सरसोंदानाजी,
अब जान धरि ज्ञान तराजू तोलियाजी....४
यों दुःख भव केराजी, भुगते बहुतेराजी,
प्रभु! मेरे कहते पार न है कहींजी....५
मिथ्या मद माताजी, चाही नित साताजी,
सुखदाता जगत्राता तुम जाने नहींजी....६
प्रभु भागनि पाये जी, गुण श्रवण सुहायेजी,
तकी आया अब सेवककी विपदा हरोजी...७
भववास वसेराजी, फिर होय न फेराजी,
सुख पावें जन तेरा स्वामी सो करो जी...८
तुम शरन सहाई जी, तुम सज्जन भाईजी,
तुम माई तुम्हीं बाप दया मुझ लीजियेजी....९
भूधर कर जोरे जी, ठाढो प्रभु ओरे जी,
निजदास नीहारो निरभय कीजिये जी...१०