Shri Jinendra Bhajan Mala-Gujarati (Devanagari transliteration).

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२८ ][ श्री जिनेन्द्र
श्री जिनराज स्तवन
आज हम जिनराज तुम्हारे द्वारे आये,
हां जी हां.....हम आये आये....आज हम०
ओ हितकारी करुणा सागर,
सेवक तुम्हारे शिर झूकाये....१
देखें देव जगत के सारे,
एक नहीं मन भाये,
पुण्य उदयसे आज तुम्हारे,
दर्शन कर सुख पाये...२
जन्म-मरण नित करते करते,
काल अनेक गमाये,
अब तो स्वामी जन्ममरणका,
दुःखडा सहा नहीं जाये...३
भव सागरमें नाव हमारी,
कब से गोता खाये,
तुमही स्वामी हाथ बढाकर,
तारो तो तिर जाये....४
अनुकंपा हो जाय आपकी,
आकुलता मिट जाये,
पंकजकी प्रभु यही विनति,
चरण शरण मिल जाये...५