Shri Jinendra Bhajan Mala-Gujarati (Devanagari transliteration).

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भजनमाळा ][ ३७
श्री सीमंधार जिन स्तवन
( मिले जगतके नाथ...अब तो...)
बजा हृदय के ता...र....मेरे
बजा हृदय के तार,
तूं ही मगन है मनको करता
तूं ही जीवन संचार.... (१)
इस वीणा की तार तार में
गूंजे शब्द अपार,
पल पल...छिन छिन....झनन झनन कर,
तुमको रहे पुकार...मेरे.... (२)
भक्ति का वास हो धर्मका पालन
पुण्य से भरे भंडार,
दुःख के बादल जब मिट जायें,
सुखका होय प्रसार...मेरे... (३)
चल न सके आस्रव आनेका
होय संवर तैयार,
वृद्धि कर्मबंधन फिर तूटे,
हो जाउं भव पार...मेरे... (४)
सीमंधर जिनके चरण कमलमें
मन मेरा एकतार,