Shri Jinendra Bhajan Mala-Gujarati (Devanagari transliteration).

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३८ ][ श्री जिनेन्द्र
बजा रही मेरे मनकी वीणा
आनंद की पुकार...मेरे... (५)
हमx शिव पाना है....
आयें हैं नाथ शरणमें,
ले अपनी चरणमें, हमें शिव पाना है....
काहे को भटके गतियोंमें भव भव काहे डुलाये मन,
किस पर रीझे स्वारथ की दुनियां अपना न कोई जन;
अटके हैं जामनमरनमें,
से अपनी चरणमें, हमें शिव पाना है. (१)
प्रभुजी तेरी प्रीत जगी है हमें नहीं है डर,
तुज सम पद प्रगट हो पावन दीजे यही शुभ वर;
तूं नामी है संकट हरनमें,
ले अपनी चरनमें, हमें शिव पाना है. (२)
मोह रिपु पर हम जय पा लें द्रढ होवे आतमबल,
सुख सौभाग्य बढें भक्तों के जय जय गा प्रतिपाल;
तूं सच्चा है तारन तरनमें,
ले अपनी चरनमें, हमें शिव पाना है. (३)