Shri Jinendra Bhajan Mala-Gujarati (Devanagari transliteration).

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४० ][ श्री जिनेन्द्र
मेरी नैयाका पतवार...खेवो जीवन के आधार
सुनो....सुनो भरतार....
जाते हो कहां रथ मोडके....(१)
ओ! स्वामी पशुओंकी पुकार पर,
हुवे त्यागी दया चित्त धार कर,
मैं भी जगका झूंठा प्यार...आई तजकर सब परिवार..
सुनो....सुनो भरतार....
जाते हो कहां रथ मोडके....(२)
दुःख आवागमन का सौभाग्यसे
मेटुं भवफंद तेरे सु जापसे,
करुं आतमका उद्धार...पाउं सिद्धासन पद सार....
सुनो....सुनो भरतार....
जाते हो कहां रथ मोडके....(३)
श्री नेमिनाथजिन स्तवन
सह्यो म्हारी नेमीश्वर बनडा नें
गिरनारी जाता राख लीजो ये...
समुद विजयजीरा लाडला ये मांय,
सह्यो म्हारी दोनुं छै हलधर लार
पिताजीने जाय कहियो रे.... (१)