भजनमाळा ][ ४१
नेमीश्वर बनयो बन्यो हे मांय,
सह्यो मारी खूब बनी छे बरात,
झरोखामें झांक लीजो ये.... (२)
तोरण पर जब आईया ये मांय,
सह्यो म्हारी पशुवन सुणी पुकार,
पाछो रथ फेरियो ये मांय... (३)
तोड्या छे कांकण डोरडा ये मांय,
सह्यो म्हारी तोड्या छे नवसर हार,
दीक्षा उर धार लीनी है... (४)
संजम अब में धारस्यां हे मांय,
सह्यो म्हारी जास्यां गढ गिरनार,
कर्म फंद काटस्यां हे मांय.... (५)
मो सेवककी विनति ये माय,
सह्यो म्हारी मांग्यो छे शिवपुर वास,
दया चित्त धार दीजो ये... (६)
सह्यो म्हारी नेमीश्वर बनडा नें,
गिरनारी जातां राख लीजो ये.....
✽