Shri Jinendra Bhajan Mala-Gujarati (Devanagari transliteration).

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भजनमाळा ][ ४३
वैराग्य-भजन
तोड विषयों से मन, जोड प्रभु से लगन, आज अवसर मिला
रंग दुनियां के अबतक न समझा है तुं
भूल निजको हां परमें यो रीझा है तुं
अब तो मुंह खोल चख, स्वाद आतमका लख, शिव पयोधर मिला.१
हाथ आने की फिर ये सुघडियां नहीं
प्रीत जडसे लगाना है अच्छा नहीं
देख! पुद्गलका घर, नाहीं रहता अमर, जग चराचर मिला. २
ज्ञानज्योति हृदय में तुं अब तो जगा
देख सौभाग्य न जग में है कोई सगा
तज दे मिथ्या भरम, तुझे सच्चे मरमका है अवसर मिला. ३
श्री नेमिनाथवैराग्य
(रागः मांड मारवाड)
मन लीनों हमारो जी...म्हारा जादु पति सरदार....
हठीलो छबीलो रंगभीनो....मन लीनों हमारो जी....
(१) समुद विजैजी का लाडला शिवादेवी रा नंद,
श्याम वरन सुहावना मुख पूनम को चंद...हमारे प्रभु.
(२) तौरन पर जब आईया ले जादव संग लार,
पशुवन की सुन विनति जाय चढे गिरनार...हमारे प्रभु.