Shri Jinendra Bhajan Mala-Gujarati (Devanagari transliteration).

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४६ ][ श्री जिनेन्द्र
वधााइ!
(श्री नेमिनाथ प्रभुनो जन्मकल्याणक...)
गावोरी वधाईयां हो, समद विजयजी के द्वार...टेक.
जाया सुत सोहना हो, मनडा मोहना सुखकार,
आई सब नारियां हो, सज सज अंगभूषण सार,
हिलमिल गाईयां हो, सब घर आज मंगलाचार,
गुणीजन सब ही गावे.....वाह वाह!
वधाई गावत धाये.....वाह वाह!
सबें मिलि आनंदभारी.....वाह वाह!
नचे सब दे दे तारी.....वाह वाह!
बजै बहु भांतिन बाजा .....वाह वाह!
सुनत कानन सुख साजा.....वाह वाह!
समय यो देख्यो भारी.....वाह वाह!
हर्ष सब पूरमें भारी.....वाह वाह!
लख लख रूप जिनका हो, हरखे सकल पुर नरनार....(१)
नृपने दान देके हो जाचक किये सकल निहाल,
अपनी माल पहनाई दीने वस्त्र बहु धन सार,
सबै जादव मिलि आये.....वाह वाह!
देख ता मन हर्षाये.....वाह वाह!
आज का दिन सुखकारी.....वाह वाह!