भजनमाळा ][ ४७
धन्य शीव्या दे नारी.....वाह वाह!
‘नेमिजिन जीवो तेरा’.....वाह वाह!
जगतमें सुखकार डेरा.....वाह वाह!
दर्श नित्त उनका कीजे.....वाह वाह!
नीरख नैनन सुख लीजे.....वाह वाह!
हितकर गाईयां हो, प्रगटे मोक्षके दातार..गावोरी वधाईयां हो.(२)
✽
वधााइ!
मोरी आली....आज वधाई गाईयां...(टेक)
विमला देवी बेटो जायो श्री श्रेयांस मन नाम धरायो,
— सबही के मन भाईयां सो मोरी आली....१
इन्द्रसखी मिल नाचत गावत तबलग तबलग मृदंग बजावत,
घुघरु ताल मजीरा बाजे, ताल देत है विविध भांतिकी,
— सबही के मन भाईयां सो मोरी आली....२
विमल राय राजा घर बाजत वधाईयां....वाहवा....जी वाहवा!
आये हैं गुणी सब गावन वधाईयां....वाहवा....जी वाहवा!
बाजत ताल मृदंग नौबत सनाईयां....वाहवा....जी वाहवा!
दान दीयो राजा श्रेयांस मन भाईयां....वाहवा....जी वाहवा! — सो मोरी आली आज वधाई गाईयां...३
✽