भजनमाळा ][ ४९
श्री जिनेन्द्र – स्तवन
(मनहर तेरी मूरतियां....)
व्याकुल मोरे नैनववा, चरणशरण में आया....
दर्श दिखादो स्वामी...दर्श दिखादो. (टेक)
भव सागर के दुःखसे अब तो थक गया...थक गया,
नाम प्रभुजी क्षण क्षण तेरा रट रहा...रट रहा,
भवसे वेग बचावो रे अर्ज हमारी मानो...
दुःख मिटा दो स्वामी...दुःख मिटा दो...व्या. १
तीन भुवनमें तुमसा स्वामी नहीं पाते....नहीं पाते,
स्वामी तुम बिन देव और को नहीं भाते...नहीं भाते...
मोक्षपथ दिखलाओ रे, अर्ज हमारी मानो....
दुःख मिटा दो स्वामी...दुःख मिटा दो...व्या. २
सब जीवोंका दुःखसे बेडा पार करो. पार करो,
सेवक का भी स्वामी अब उद्धार करो...उद्धार करो!
सब ही शीश नमावें रे अर्ज हमारी मानों....
दुःख मिटा दो स्वामी दुःख मिटा दो...व्या. ३
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श्री महावीर स्तवन
ॐ जय जय वीर प्रभो............. .
शरणागत के संकट भगवन क्षण में दूर करो.... १