Shri Jinendra Bhajan Mala-Gujarati (Devanagari transliteration).

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भजनमाळा ][ ५५
टळवळता तारा बालक नीहाळवाने तुजने,
अमीभरी द्रष्टि साक्षात् भगवान क्यारे करशो.
विदेहीनाथ कहोने. ६
महावीर प्रभुकी कथा
[१]
भारत के एक तीर्थंकर की हम कथा सुनाते हैं....हम.....
त्रिशला के राज दुलारे की हम कथा सुनाते हैं....हम....
भारत के एक तीर्थंकर की हम कथा सुनाते हैं...हम....
भव चक्रमें रूलते रूलते....भव चक्रमें रूलते रूलते,
हुआ...सिंह भयंकर वनमें...हुआ सिंह भयंकर वनमें....
आतमधर्मको भूला भूला...हीरन के पीछे दोडा....
उतरे थे दो मुनि, गगनगामी, भीतिको तजी...बहुत समजाई....
‘तीर्थंकर तूं भावि का यह, क्या कर पाते हैं....ए....हम
सुनकर सिंहके नैन...अश्रु भर आते हैं...हम
मुनिओंकी भक्ति करी, शिकार तजी; समाधि करी समकित पाई.
धन्य! धन्य! उन्हें, सिंह के भवमें आत्मबोध करें.
सम्हल प्रभुताई....सम्हल प्रभुताई,
सुनकर सिंहका शौर्य, हर्ष उभराते हैं...हम.