Shri Jinendra Bhajan Mala-Gujarati (Devanagari transliteration).

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भजनमाळा ][ ५७
श्री श्रेयांसनंद दुलारे, सत्य माता लाड करावें,
मैं उनसे तान लगाकर जिनगुण गावुं रे...मैं.
श्री सीमंधर प्रभुको ध्याउं, प्रभु दरशन मैं कब पावुं!
मैं पूर्व विदेह के प्रभुको कब झट देखुं रे...मैं.
शशीधरसे मैं संदेश भेजुं, फिर प्रभुजीसे उत्तर पावुं,
मैं प्रभुका संदेश पाकर आनंद पावुं रे....मैं.
मैं जिनवर से मिल जावुं, जिनदेव के भक्त कहाउं,
मैं प्रभुजी के दरशन पाकर हरषित होउं रे...मैं.
मैं कलरव कलरव गावुं, अरु मंगलनाद बजावुं,
मैं उल्लसित हो जगभूल के जिन गुण गावुं रे...मैं.
प्रभु परमेष्ठी पंच ध्यावुं, श्रुतदेवी माता भावुं,
मैं सब संतन के चरणों बलि बलि जावुं रे...मैं.
मैं सम्यक्दर्शन भावुं, अरु ज्ञान चरित मिलावुं,
वरदान प्रभुसे पाकर प्रभु सम थाउं रे....मैं.
मैं मुक्ति के पथ धावुं, सिंहनाद से कर्म हठावुं,
गुरु कहान की बंसी सुनकर ठगमग डोलुं रे...मैं.
गुरुवाणीका तीर लगावुं, मोह मल्ल को दूर भगावुं,
जीत मोह, का’न गुरुवर की जय जय बोलुं रे.
गुरुधर्म ध्वजाको जग फर फर फरकावुं रे...मैं.