Shri Jinendra Bhajan Mala-Gujarati (Devanagari transliteration).

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भजनमाळा ][ ६३
यह भवदुःखसे छूटनेका आधार यही
भव तिरनेका उपचार यही. (२)
घनघोर तिमिर अज्ञान हटाकर आया हुं. मैं०
आशा ही नहि विश्वास सही,
आये जो शरन जगजीत अमर
सौभाग्य चढे हैं मुक्त महल;
कहते हैं सुगुरुवर ज्ञान प्रखर स्वामी
स्वामी तुं तीन लोकका तारा है,
और मैं चरणोंका प्यारा हूं. मैं०
श्री महावीर जिनभजन
तुम्हीं हो एक सहारे...त्रिशलानंद दुलारे.
अबलों अधम अधोगति अगणित, रुल रुल जीवन धारे,
करकश क्रूर कठोर मोहने केदी कर कर मारे.
बार बार दुःखदर्द दलित हो, दीनपति तव द्वारे,
आकर आज चरनमें अरजी, अर्पित करी तुम्हारे.
तुमने तसकर तिर्यंचादिक ततछिन तीर उतारे,
तारणतरण तेज तज तेरा क्यों भटके अंधियारे.
साख सुसिद्ध सुनी शासनकी, मन सारंग हमारे,
शिव सौभाग्य साधना सेती जय जय गान उचारे.