Shri Jinendra Bhajan Mala-Gujarati (Devanagari transliteration).

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६६ ][ श्री जिनेन्द्र
प्रभु चंद्र स्मर के मैं चकोर बनके,
चले जाउं प्रभुके सामने चले जाउं.
भूली दुनियां के मैं भजन करुंगा,
प्रभुको भजके मैं मोक्ष वरुंगा...मोक्ष.
जैन झंडा फहराके आत्मभाव जगाके,
चले जाउं प्रभुके सामने....चले जाउं. ५
श्री महावीर जिनभजन
(वीर तेरे चरणोंमें झूमे झूमे)
वीरके चरणोंका हमें तो एक सहारा है,
शरणमें आये हैं न कोई ओर हमारा है. (टेक)
जिन का है शुभ नाम जगतमें जिनका है शुभ नाम,
काटे कष्ट तमाम जगत के काटे कष्ट तमाम;
ऐसा है महावीर उन्हीं को आन पुकारा है.
तोड कर्म का जाल जगतमें तोड कर्मका जाल,
कर दिया निहाल जगत को कर दिया निहाल;
धर्म की रेलमछेल वही तो करने हारा है.
तुम हो दीनानाथ प्रभुजी तुम हो दीनानाथ,
हम हैं दीन अनाथ प्रभुजी हम हैं दीन अनाथ;
वीतराग मशहूर वीर इक देव हमारा है.