भजनमाळा ][ ६७
तारे हाथी शेर प्रभु जी तारे हाथी शेर,
मेरी बार अवेर प्रभु क्यों मेरी बार अवेर;
मुझे भी तारो जी दास ‘शिवदास’ तुम्हारा है. ४
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श्री जिनराज – भजन
आज तेरा गुणगान करुं भगवान,
(कि) मैंने तुमसे लगाया तार...
प्रभु नाथ तूंही तार कभी तूंही,
तुझ को सब भगवंत कहते हैं,
तुं नाथ कहलाये ले ले खबर,
हम दिलमें तुझे याद करते हैं,
मेरी ही दिलमें आजा मेरे भगवान,
(कि) करदो बेडा मेरा पार...१
तेरा ही बनाले मुझको प्रभु,
तेरे बिन मेरे कोई नहीं,
जीवनकी सफर तुं करदे सफल,
मुझे ओर कोई उम्मीद नहीं,
छोड के दिल के तार करुं तुम ध्यान,
(कि) प्रभु है तूं ही तारणहार....२
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