Shri Jinendra Bhajan Mala-Gujarati (Devanagari transliteration).

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भजनमाळा ][ ६९
शिवरामा सुखकार,
भरे पुण्यका भंडार...सुनो०
श्री महावीर प्रभुने वंदन
त्रिशला नंद तुम्हें वंदना हमारी है, वंदना हमारी है....
....हां....वंदना हमारी है....
दुनियां के जीव सारे तुम को निहार रहे,
पल पल पुकार रहे, हितकर चितार रहे.
कोई कहे वीर प्रभु कोई वर्द्धमान कहे,
सन्मति नाथ तूंही तूंही उपकारी है...त्रि.
मंगल उपदेश तेरा कर्मोंका काटे घेरा,
भव भवका काटे फेरा शिवपुर में डाले डेरा.
आत्म सुबोध करें रत्नत्रय निज धरें,
शिवतिय सौभाग्य वरें यही दिल धारी है....त्रि.
श्री सीमंधार जिन स्तवन
प्रभुजी मोरे आओ...प्रभुजी मोरे आओ....प्रभुजी.
चहुं ओर छाई है उदासी,
अखियां दर्शन बिन है प्यासी....
इनकी प्यास बुझाओ...रिझाओ....अब आओ प्रभुजी. १