मेरे मनमें, मेरी नजरमें, बस तुम्हीं समा गये.....
दूजा न कोई और भला देव हमारा.
नैया को मोरी पार करो आके भंवर से,
सेवक हुं तेरा आन के तूं मेरी खबर ले.
जाउं कहां मैं छोड के अब तुम तो बताओ,
‘पंकज’की विनय है यही मत मुझको भुलाओ,
Shri Jinendra Bhajan Mala-Gujarati (Devanagari transliteration).
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