Shri Jinendra Bhajan Mala-Gujarati (Devanagari transliteration).

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७० ][ श्री जिनेन्द्र
भक्ति में अब विरला माने,
प्रभु तुझे कोई विरला जाने....
आ के दर्श दिखाओ....प्रभुजी मोरे.
छिन छिन नाम जपुं में तेरा,
धर्मनगरमें तेरा ही डेरा.....
आ के धर्म सुनाओ विनति सुन जाओ....प्रभुजी मोरे.
श्री महावीर जिन स्तवन
महावीर हमारे, आंखों के दुलारे, चरणोंमें हम तेरे, आ गये....
मेरे मनमें, मेरी नजरमें, बस तुम्हीं समा गये.....
मुझको है फक्त आपका ही एक सहारा,
दूजा न कोई और भला देव हमारा.
नैया को मोरी पार करो आके भंवर से,
सेवक हुं तेरा आन के तूं मेरी खबर ले.
जाउं कहां मैं छोड के अब तुम तो बताओ,
‘पंकज’की विनय है यही मत मुझको भुलाओ,
महावीर हमारे...आंखे के दुलारे.