भजनमाळा ][ ७१
श्री महावीर जिन भजन
( मुजे छोड.....)
भक्तों के प्राण पुकार रहे जय हो जय त्रिशला नंदनकी,
श्वासों के स्वरमें लहर उठी जय हो जय त्रिशला नंदनकी.
झगझग हुई यह दुनियां थी जब तुम दुनियामें आये थे,
घंट नाद बजेथे स्वर्गमें इन्द्रों के आसन डोले थे. १
ओ त्रिशलानंदन चरणों में ले लो मेरा वंदन ले लो,
ये भावकी प्याली भरी हुई लाया हू केसर चंदनकी. २
अमृत की धारा छलक पडी विपुलाचल गिरवरसे छलकी!
बारह सभा सुनके बोल ऊठी जय महावीर दुःखभंजनकी. ३
वो राह बतादो हमको भी बन जाउं शिवपुरका राही,
जिस मार्ग पै ही चलकर अंजन को पदवी मिली निरंजनकी. ४
तेरी करुणा की किरणों से जिस जिसने थी करुणा पाई,
सब पथिक मोक्ष के हुए काट डोरी कर्मों के बंधनकी. ५
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श्री सीमंधार प्रभु की धाून
जय सीमंधर जय सीमंधर जय सीमंधर देवा....
माता तोरी सत्यवती ने पिता श्रेयांस राया,
पुंडरगिरिमें जन्म लिया प्रभु साक्षात् अरहंत देवा....जय १