Shri Jinendra Bhajan Mala-Gujarati (Devanagari transliteration).

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भजनमाळा ][ ७३
श्री जिनराजभजन
भक्ति जिनराज है मुक्ति की ये नाव है...
आजा महावीर प्रभु तेरा ही आधार है...
तुमको अंखिया ढूंढ रही हैं,
दरशन तो दिखलाजा,
आवगमन मिटाकर भगवन्!
जगसे पार लगाजा...भक्ति.
भाई-बंधु कुटुंब कबीला सब जिनवरको माना,
प्रतिसमय जो जिनको ध्यावे,
मिटे तो आना जाना....भक्ति.
जिसने ध्यान लगाया तुमसे बेडा पार लगाया,
सारी जगको भूलकर भगवान,
तुमसे ध्यान लगाया....भक्ति.
श्री सीमंधार प्रभुकी स्तुति
आओ करें सभी नर नारी, भक्ति सीमंधर प्रभुकी.
शुद्ध भावसे जय जय बोलें,
रत्नदीप ले थाल संजो ले,
ज्ञानज्योति रस घट घट धोवें....कर भक्ति प्रभुकी. १