Shri Jinendra Bhajan Mala-Gujarati (Devanagari transliteration).

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८० ][ श्री जिनेन्द्र
श्री जिनेन्द्रस्तवन
आये तेरी शरणमें लाये तेरी शरणमें,
फरियाद यह जरासी राखी तेरी शरणमें.....(टेक)
लाखों ही तेरे दर पर, दुःख दास्तां सुनाने,
आते हैं सर झुकाते भगवन तुझे रिझाने;
सुनकर यही सुयश बैठे तेरी शरणमें...१
हर दिलमें तू बसा है हर लबपै नाम तेरा,
छूटे मुसीबतों से चरणोंमें कर बसेरा,
‘सौभाग्य’से मिलेगी मुक्ति तेरी शरणमें...२
श्री सीमंधार जिन स्तवन
(आयेगा...आयेगा...)
आ गया आ गया आ गया शरण तुम्हारी....टेक
सुनकर बिरद तुम्हारा तेरी शरण में आया,
तुमसा तो देव मैंने कोई कहीं न पाया;
सर्वज्ञ वीतरागी सच्चे हितोपदेशक,
दर्शनसे नाथ तेरे कटते हैं पाप बेशक.
चारों गतिके दुःख जो मैंने भुगत लिये हैं,
तुमसे छिपे नहीं हैं जो जो करम किये हैं;