भजनमाळा ][ ८७
गाते गाते सुयशगुणगान,
भीने भीने गाते ओ गाते हैं लयतान....त्रिशला के अंगना...
छिम...छिम...छिम...छिम...
नाचत है सुरनार सब मिल,
दे रहे हैं करताल
जय जय कलश करें, सौभाग्य त्रिशला के अंगना....
आज बाजे बाजे है बधाई...त्रिशला के अंगना....
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त्रिशलानंदन का पारणा Iूलन
[१]
झूला त्रिशला का नंदन....अमर झूलना....
झूला पाप निकंदन.....अमर झूलना....
दोष रहित गुण गण सहित श्री अनेक पति वीर,
कुंडलपुर सिद्धार्थगृह जन्में श्री महावीर;
पुरमें जयजय का घोर, नाना बाजोंका शोर,
नाचै जनगण ज्यों मोर, हो को हर्षित झूलाया...अमर....
[२]
धर्मयुग के अंतमें भारतके मझधार,
आत्मश्रेय को साधने अंतिम था अवतार;
हुई धर्म वृद्धि, जडता दूर भागी;
जगकी निंद खुली, झूले वीर...प्रभुजी...अमर...