भजनमाळा ][ ८९
आये इन्द्र धरणेन्द्र नरेन्द्र सब, मच रहे है हल्ला. लल्ला गोदी. २
हमहू न्हवन कियो गिरि उपर, क्या है तेरी शल्ला. लल्ला गोदी. ३
द्रग सुख दास आश भई पूरन, हो गया ऊजल्ला. लल्ला गोदी ४
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वधााइ
रंग वधाईयां सुन सखी ये शिवा सुत जाईयां
भला वे आज बाजे छे वधाईयां....(टेक)
सब सखीयन मिल मंगल गावेजी दे दे ताल सवाईयां १
नरनारी मिल चौक पूरावे मन में हरष सवाईयां २
ऐरावत हस्ती सजी कर के तापर प्रभु को पधराईयां ३
मेरु शिखर ले जाय प्रभु को मघवा कलश ढूराईयां ४
पूंछ शृंगार कियो सचियनने निरखत अंग नवाइयां ५
नेम नाम धरी सोंप नृपति को तांडव नृत्य कराईयां ६
जन्म कल्याणक उत्सव करी के इन्द्र स्वर्ग कुं जाईयां ७
अब ‘सेवक’ हितकर गुण गावे जामन मरन मिटाइयां ८
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श्री पार्श्वनाथ – भजन
पार्श्वनाथ देवजी तुम से है यह प्रार्थना,
नाथ आज पूरिये मेरी मनोकामना (टेक)