Shri Jinendra Stavan Mala-Gujarati (Devanagari transliteration).

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१२२ ][ श्री जिनेन्द्र
तुमरो इक नाम अधार हिये,
अनुरै सब जाल वृथा गनिये;
तिसतैं अब नाथ कृपा करिये,
भव संकट काट सुधा भरिये. ११.
( सोरठा )
गर्भकल्याणक मांहिं, महिमा श्री जिनराजकी.
देखत पातिक जाहिं, तातैं निशदिन ध्यावहू. १२.
जन्मकल्याणक वर्णन
( दोहा )
जन्म होत जिनराज को, नारकि हू सुख थाय,
औरनि की पुनि का कथा, आनंद उर न समाय. १.
( छंद-जगसार हो )
जन्म होत जिनदेव को जगसार हो,
बाजे अचरज बाज,
कल्पदेव घर घंटजी जगसार हो,
ज्योतिष घर हरिनाद.
(हरिगीत)
हरिनाद व्यंतर ढोल बाजै, भवन के घर शंख ही,
इम देखि सुर तब अवधि कीनो, जनम जिन निहसंक ही;
तब सात डग चल नमन किनौ, सैन सात सांवरिया,
सो एक एक मैं सात जानों, चले जय जय कारिया. २.