Shri Jinendra Stavan Mala-Gujarati (Devanagari transliteration).

< Previous Page   Next Page >


Page 5 of 253
PDF/HTML Page 17 of 265

 

background image
स्तवनमाळा ][ ५
भववास परास विनाशन हो,
दुःखराश विनाश हुताशन हो;
निज दासन त्रास निवारन हो,
सब सिद्ध नमों सुखकारन हो.
तुम ध्यावत शाश्वत व्याधि दहै,
तुम पूजत ही पद पूजि लहै;
शरणागत संत उभारन हो,
सब सिद्ध नमों सुखकारन हो.
श्री जिनस्तवन
(पद्धरी छंद)
जय स्वयं शक्ति आधार योग,
जय स्वयं स्वस्थ आनंद भोग;
ज्य स्वपरविकाश अवास भास,
जय स्वयं सिद्ध निजपद निवास.
जय स्वयं बुद्ध संकल्प टार,
जय स्वयं शुद्ध रागादि जार;
जय स्वयं गुणी आधार धार,
जय स्वयं सुखी अक्षय अपार.
जय स्वयं चतुष्टय राजमान,
जय स्वयं अनंत सुगुण निधान;