Shri Jinendra Stavan Mala-Gujarati (Devanagari transliteration).

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१४ ][ श्री जिनेन्द्र
जो भी आया शरण, मेटा जामन मरण,
यश येही है गाता जमाना.
कौन कारण से भूल बैठे जिनवर हैं आप?
बिरद अब तो पडेगा निभाना. अय नाथ.
जब अंजन अज्ञानी, कीचक से मानी हितमें न तूं ढील लाया.
अब जीवन में हमको यह अवसर मिला,
जो चरणों में चित्तको लगाया.
इन नैनों में तू, और दिल में लगन,
भक्ति में शक्ति को पाया.
लो भव से अब हमको भी सत्वर बचा,
दो मुक्तिमें निज पद सुवाया,
बस यही है मांग, सुन्दरसर्वांग, प्रभु सुन्दरसर्वांग,
सुख ‘‘सौभाग्य’’ पाये जमाना. अय नाथ.
श्री जिनस्तवन
(तर्जमेरा सुंदर सपना बीत गया)
तेरी सुन्दर मूरति देख प्रभु,
मैं जीवन दुःख सब भूल गया, ये पावन प्रतिमा देख
प्रभु. टेक
ज्यों काली घटाएं आती हैं; ज्यों कोयल कूक मचाती हैं.
मेरा रोम रोम ज्यों पुलकित है, यह चन्द्र छबी जिन
देख प्रभु. १. तेरी.