Shri Jinendra Stavan Mala-Gujarati (Devanagari transliteration).

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१६ ][ श्री जिनेन्द्र
श्री जिनस्तवन
तुमही ने सबको ज्ञान सिखाया, भूले हुओं को राह लगाया;
एक नया उत्साह जगाया, प्रेम बढाया, द्वेष मिटाया;
तुम्हीं हो सुख दातार, स्वामी तुम्हीं हो सुख दातार.
बेडा बीच भंवर जब आया, हाथ बढाया, पार लगाया,
तुम्हीं हो खेवनहार स्वामी, तुम्हीं हो खेवनहार.
तुम्हीं को हृदय बीच बिठाऊं, ‘‘वृद्धि’’ पाउं हर्ष मनाऊं,
तुम्हीं हो जगदाधार स्वामी, तुम्हीं हो जगदाधार.
श्री जिनस्तवन
जय जय जय महावीर, जग हितकारी आनंदकारी,
जाउं मैं बलिहारी सूरत पे वारी वारी,
तेरे चरण का स्वामी मैं हूं पुजारी.
तुमने लाखों ही पापी उबारे,
दीन पशुओं के संकट निवारे;
तेरी महिमा है न्यारी हां न्यारी,
आशा पूरो हमारी हमारी हमारी.
गणधरों ने यह सूत्रों में गाया,
देव तुजसा ना ‘‘पंकज’’ ने पाया.
तेरे गुण गान गाऊं मैं गाऊं,
लौ तुम्हीं से लगाऊं लगाऊं लगाऊं.