Shri Jinendra Stavan Mala-Gujarati (Devanagari transliteration).

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स्तवनमाळा ][ १९
श्री जिनस्तवन
(तर्ज चलो पनिया भरन को)
कैसी सोहे सवारी आज श्री जिनवर की. कैसी सोहे.
है शोभा रथ की छाजे, त्रिभुवनपति है जो बिराजे,
महिमा का पाया न पार, श्री जिनवर की. कैसी०
आगे आगे चलें हर्षाते, भवि जन चित से गुण गाते,
सब बोलें जय जयकार, श्री जिनवर की. कैसी०
बज रहे मजीरा टननन, करताल कर रही झन झन,
धुन से हो रही झनकार, श्री जिनवर की. कैसी०
कहीं तबला बाजा बजता, कोई नृत्य भाव से करता,
छिन छिन में छवी निहार, श्री जिनवर की. कैसी०
चहुं ओर खडे दर्शकगण, शोभा उत्सव की निरखन,
करें कीरत बारम्बार, श्री जिनवर की कैसी०
करें क्या क्या हम यहां वर्णन, उत्साह‘वृद्धि’ हुआ हर मन,
जय जय ही रहे पुकार, श्री जिनवर की. केसी०
श्री जिनस्तवन
(तर्ज पंछी बावरा चांदसे प्रीत लगाये, पंछी बावरा)
आज सुअवसर आया, पूजूं वीर को, वीर को
मूरति देख हृदय में मेरे, आनन्द अतुल समाया,
है सुखदाई यह मन भावन, पूजा भाव जगाया. १ आज०