Shri Jinendra Stavan Mala-Gujarati (Devanagari transliteration).

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४६ ][ श्री जिनेन्द्र
श्रेयांसनंदन! नाथ! घणुं शुं विनवीए,
दास तमारो भरते रह्यो हो नाथ जो;
हाथ ग्रहीने राखो साथो साथमां,
जेम घणा सेवक छे प्रभुजी साथ जो...विदेहवासी. ४
दर्शन आपी स्वामी आ संसारथी,
पार उतारो परमातम परमेश जो;
सेवकने प्रभु अमृत रसना पानथी,
सिद्ध करावो अल्प समयमां देव जो...विदेहवासी. ५
श्री जिनस्तवन
(काली कमलीवालेए राग)
नमीये श्री पंचपदने नेहे, मंगलकाम,
भविया, मंगलकाम. नमीये.
घाती कर्मनो घात करीने, केवल कमला विमला वरीने,
प्रथम नमो अरिहंत. भविया......
अठविध कर्मना मर्म प्रजाळी, सिद्ध प्रभुनी प्रभुता भारी,
नमो सिद्धिना कन्त. भविया......
चार तीर्थना स्तंभ जे नेता, शासन धूर्वह आनंद युता
आचार्य महाराज. भविया......
आगम अर्थने भणे भणावे, उपाध्याय महासंत कहावे;
जिनशासन साम्राज्य. भविया......
चरण करणना गुणने सेवे, शिवपदने युं मुनिवर लेवे,
नमो नमो मुनिराज. भविया.......