Shri Jinendra Stavan Mala-Gujarati (Devanagari transliteration).

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स्तवनमाळा ][ ७९
तिहिं सबको इकबार जाने ज्ञान अनंता,
ऐसो ही सुखकार दर्शन है भगवंता.
तीनलोक तिहुंकाल ज्ञायक देव कहावौ,
निरबाधा सुखकार तिहिं शिवथान रहावौ.
हे प्रभु! या जगमांहि मैं बहुते दुःख पायौ,
कहन जरूरति नाहिं तुम सबही लखि पायौ.
कर्म महा दुख साज याको नास करौजी,
बडे गरीबनिवाज मेरी आश भरौजी.
समंतभद्र गुरुदेव ध्यान तुमारो कीनो,
प्रगट भयौ जिनवीर जिनवर दर्शन कीनो.
जबतक जगमें वास तबतक हिरदे मेरे,
कहत जिनेश्वरदास सरन गहों मैं तेरे.
श्री शांतिनाथ जिनस्तवन
(चालसंसारे सासरियो माई दोहिलो)
शांति करम वसु हानिके, सिद्ध भये शिव जाय;
शांति करो सब लोकमें, अरज यहै सुखदाया
शांति करो जगशांतिजी.
धन्य नयरि हथनापुरी, धन्य पिता विश्वसेन;
धन्य उदर अयरा सति, शांति भये सुखदेय. शांति०
भादव सप्तमि स्यामही, गर्भकल्याणक ठानि,
रतन धनद वरषाईयो, षट नव मास महान. शांति०