Shri Jinendra Stavan Manjari-Gujarati (Devanagari transliteration).

< Previous Page   Next Page >


Page 94 of 438
PDF/HTML Page 112 of 456

 

background image
चंद्रानन चन्द्रबाहु श्री भुजंगम ईश्वर,
नेमिप्रभु वीरसेन विद्यमान पाईये;
महाभद्र देवजस अजितवीरज ‘भैया’,
वर्तमानवीसको त्रिकाल सीस नाईये. २२
श्री तीर्थंकरस्तुति
(दोहा)
श्री जिनदेव प्रणाम कर, परम पुरुष आराध;
कहों सुगुण जयमालिका, पंच करणरिपु साध.
(पद्धरि छंद)
जय जय सु अनंत चतुष्टनाथ,
जय जय प्रभु मोक्ष प्रसिद्ध साथ;
जय जय तुम केवलज्ञान-भास,
जय जय केवलदर्शन-प्रकाश.
जय जय तुम बल जु अनंत जोर,
जय जय सुख जास न पार ओर,
जय जय त्रिभुवन-पति तुम जिनंद,
जय जय भवि-कुमदनि पूर्ण चंद.
जय जय तम नाशन प्रगट भान,
जय जय जित इद्रिन तूं प्रधान;
जय जय चारित्र सु यथाख्यात,
जय जय अघनिशि नाशन प्रभात.
९४ ][ श्री जिनेन्द्र