जय जय अरिजीतन अरहनाथ,
जय जय भवि जीवन मुक्ति साथ. १०
जय जय मलिनाथ महा अभीत,
जय जय जिन मोहनरेन्द्र जीत;
जय जय मुनिसुव्रत तुम सुज्ञान,
जय जय त्रिभुवनमें दीप भान. ११
जय जय नमिनाथ निवास सुक्ख,
जय जय तिहुं भवननि हरन दुःख;
जय जय श्री नेमकुमार-चंद,
जय जय अज्ञानमतके निकंद. १२
जय जय श्रीपार्श्व प्रसिद्ध नाम,
जय जय भविदायक मुक्तिधाम;
जय जय जिनवर श्री वर्द्धमान,
जय जय अनंत सुखके निधान. १३
जय जय अतीत जिन भये जेह,
जय जय सु अनागन ह्वै हैं तेह;
जय जय जिन हैं जे विद्यमान,
जय जय तिन बंदो धर सु ध्यान. १४
❏
११४ ][ श्री जिनेन्द्र