Shri Jinendra Stavan Manjari-Gujarati (Devanagari transliteration).

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सेवक-स्वामी भावथी, नथी कोईनो दावो....(२); हां हांरे०
सीमंधरनाथजीने.....१
वीतराग! आप चित्तमां, रहुं भाग्यनी वात (२); हां हांरे०
पण आप मारा चित्तमां, रहो जगतात! (२); हां हांरे०
सीमंधरनाथजीने.....२
मारुं मन जो प्रसन्न तो, आपनी प्रसन्नता (२); हां हांरे०
आपश्रीना प्रसादथी, होय मननी समता (२); हां हांरे०
सीमंधरनाथजीने.....३
इंद्र पण असमर्थ छे, रूप-लक्ष्मी जोवाने (२); हां हांरे०
धरणेंद्र पण अशक्त छे, तुम गुण गावाने (२); स्र्हां हांरे०
सीमंधरनाथजीने....४
आपनी आणा पाळवा, अम शक्ति आपो (२); हां हांरे०
लळी लळी नमुं हुं आपने, दास कर्मने कापो (२); हां हांरे०
सीमंधरनाथजीने....५
श्री सीमंधर जिनस्तवन
(मथुरामां खेल खेलीए देशी)
सीमंधरनाथ जिनराया, हो देव! त्रिभुवनराया,
त्रिभुवनराया प्रभु त्रिभुवनराया. सी० (टेक)
नाथ निरंजन भवभयभंजन;
शरणागत सुखदाया, हो देव त्रिभुवनराया. सी० १
स्तवन मंजरी ][ ६१