Shri Jinendra Stavan Manjari-Gujarati (Devanagari transliteration).

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नाथ निरंजन प्यारा, प्रभु! दुःख वारो मारां;
शिवसुखना देनारा, मोहन गा.....री.....रे. मूरति०
दयाळु दिलधारी, अज्ञानदुःखहारी;
दास करो भवपारी, मोहन गा.....री....रे. मूरति०
श्री सीमंधर जिनस्तवन
(धनभाग्य अमारे आंगण आव्याए देशी)
धनभाग्य अमारे मंदिर आव्या, सीमंधर भगवान;
वधावुं आज अर्घ्यनो थाळ भरी भाव साथ....(टेक)
चंद्र सूरज सम रूपे जगपति, शांतिना करनार;
धर्मदाता तारुं दरिसन प्यारुं, नरनारी सुखकार....वधावुं०
जैन धरमनो जय वरताव्यो, धन्य! तुज अवतार;
शांतिदाता तारुं शासन लागे, भविजनने हितकार....वधावुं०
ज्ञान-आनंद निज स्वरूपे रमता, आतमगुण भंडार;
शर्मदाता तुं भविजनत्राता, मनवांछित दातार.....वधावुं०
स्याद्वाद सम धर्मप्ररूपक, ज्ञान दर्शन धरनार;
श्रेयदाता तुं जगजनत्राता, भवदुःखने हरनार....वधावुं०
रागद्वेष सम को नहि शत्रु, हणी थया अरिहंत;
सौम्यतामां पुनमशशिसम, भक्त पूजे भगवंत......वधावुं०
स्तवन मंजरी ][ ६३