Shri Jinendra Stavan Manjari-Gujarati (Devanagari transliteration).

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तुंही ब्रह्मा तुंही विष्णु, तुंही मनविसरामी छे;
तुंही शंकर तुंही तारक, तुंही आतमरामी छे;
तुंही नाम रटण दिन रात करुं.....शांत० २
तुंही ज्ञानी तुंही दानी, तुंही गुण-भंडारी छे;
तुंही नाथ तुंही विभु, तुंही समताधारी छे; तुं० शां० ३
तुंही वीर तुंही संत, तुंही चिदानंद छे;
तुंही सुमति तुंही जिनवर, तुंही सहजानंद छे; तुं० शां० ४
तुंही अजर तुंही अमर, तुंही जगदानंद छे;
तुंही जग-तारणहारो; तुंही पूरणानंद छे.
तुंही नाम रटण दिनरात करुं.....शांत० ५
श्री सीमंधर जिनस्तवन
(रागहरी मोहे)
वंदन करुं जिनराज भावथी हुं,
वंदन करुं जिनराज. वंदन० (टेक)
श्री वीतरागदेव सीमंधरजिनजी (२)
निरखतां हर्ष अपार; भावथी हुं वंदन० १
आतम-बळथी मोहना विजयी (२)
ज्ञानादि गुणना भंडार; भावथी हुं वंदन० २
चंपक-माळ सम आनंदकारी (२)
सर्व प्राणी सुखकार; भावथी हुं वंदन० ३
स्तवन मंजरी ][ ७९