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अर्थः — ज्यां एक साधारण निगोद जीव ऊपजे त्यां तेनी साथे ज अनंतानंत ऊपजे तथा एक निगोद जीव मरे त्यां तेनी साथे ज अनंतानंत समानआयुवाळा मरे छे.
भावार्थः — एक जीव जे आहार करे ते ज अनंतानंत जीवोनो आहार, एक जीव श्वासोच्छ्वास ले ते ज अनंतानंत जीवोनो श्वासोच्छ्श्वास, एक जीवनुं शरीर ते ज अनंतानंत जीवोनुं शरीर तथा एक जीवनुं आयुष ते ज अनंतानंत जीवोनुं आयुष. ए प्रमाणे सर्व समान छे तेथी तेमनुं साधारण नाम जाणवुं.
हवे सूक्ष्म अने बादरनुं स्वरूप कहे छेः —
अर्थः — जे जीवो पृथ्वी, जळ, अग्नि अने पवनथी रोकाता नथी ते जीवोने सूक्ष्म जाणवा तथा जे तेमनाथी रोकाय छे तेओने बादर जाणवा.
हवे, प्रत्येकनुं ने त्रसनुं स्वरूप कहे छेः —