लोकानुप्रेक्षा ]
अर्थः — भवनवासीओमां असुरकुमारोना देहनी ऊंचाई पच्चीस धनुष अने तेना बाकीना नवे कुमारदेवोनी दस धनुष, व्यंतरोना देहनी उंचाई दस धनुष तथा ज्योतिषी देवोना देहनी उंचाई सात धनुष छे
हवे स्वर्गना देवोना देहनी उंचाई कहे छेः —
अर्थः — सौधर्म – ऐशान युगलना देवोनो देह सात हाथ ऊंचो छे, सनत्कुमार-माहेन्द्रयुगलना देवोनो देह छ हाथ ऊंचो छे, ब्रह्म -ब्रह्मोत्तर-लावन्त-कापिष्ट ए चार स्वर्गना देवोनो देह पांच हाथ ऊंचो छे, शुक्र-महाशुक्र-सतार-सहस्रार ए चार स्वर्गना देवोनो देह चार हाथ ऊंचो छे, आनत-प्राणतयुगलना देवोनो देह साडात्रण हाथ ऊंचो छे, आरण-अच्युतयुगलना देवोनो देह त्रण हाथ ऊंचो छे, अधो ग्रैवेयकना देवोनो देह अढी हाथ ऊंचो छे, मध्यम ग्रैवेयकना देवोनो देह बे हाथ ऊंचो छे, उपरना ग्रैवेयकना देवोनो देह दोढ हाथ ऊंचो छे तथा नव अनुदिश अने पंच अनुत्तरना देवोनो देह एक हाथ ऊंचो छे.
हवे भरत-ऐरावतक्षेत्रमां काळनी अपेक्षाए मनुष्योना शरीरनी ऊंचाई कहे छेः —