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अर्थः — हे भव्य! आ जन्म छे ते तो मरण सहित छे, यौवन छे ते वृद्धावस्था सहित ऊपजे छे अने लक्ष्मी छे ते विनाश सहित ऊपजे छे; ए प्रमाणे सर्व वस्तुने क्षणभंगुर ज जाण!
भावार्थः — जेटली अवस्थाओ जगतमां छे तेटली बधीय प्रतिपक्षभाव सहित छे छतां आ जीव, जन्म थाय त्यारे तेने स्थिर जाणी हर्ष करे छे अने मरण थाय त्यारे तेने गयो मानी शोक करे छे. ए प्रमाणे इष्टनी प्राप्तिमां हर्ष, अप्राप्तिमां विषाद तथा अनिष्टनी प्राप्तिमां विषाद अने अप्राप्तिमां हर्ष करे छे; ए सर्व मोहनुं माहात्म्य छे पण ज्ञानीए तो समभावरूप रहेवुं.
अर्थः — जेम नवीन मेघनां वादळ तत्काळ उदय पामीने विलय पामी जाय छे तेवी ज रीते आ संसारमां परिवार, बंधुवर्ग, पुत्र, स्त्री, भला मित्रो, शरीरनी सुंदरता, घर अने गोधन आदि समस्त वस्तुओ अस्थिर छे.
भावार्थः — ए सर्व वस्तुने अस्थिर जाणी तेमां हर्ष-विषाद न करवो.