Tattvagyan Tarangini-Gujarati (Devanagari transliteration).

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अध्याय-१ ][
अर्थ :‘शुद्ध चैतन्यस्वरूप हुं छुं’ एम मारा चिद्रूपने, ते सर्व
कर्मने टाळनार चिद्रूप वडे ज, चिद्रूपने माटे, जगतमां वधारे चडियाता
एवा अत्यंत सुखमय चिद्रूपमांथी नित्य धारण करुं छुं, ते निर्मळ गुणना
समूहरूप एवा चिद्रूपमां अज्ञानी होवाथी अन्य जीव कदी पण ते
चिद्रूपनुं माहात्म्य जाणतो नथी. २०.