Tattvagyan Tarangini-Gujarati (Devanagari transliteration).

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८२ ][ तत्त्वज्ञान-तरंगिणी
मोहं तज्जातकार्याणि संगं हित्वा च निर्मलं
शुद्धचिद्रूपसद्धयानं कुरु त्यक्त्वान्यसंगतिं ।।२२।।
(वसंततिलका)
रे मोहने सकल मोहजनित कामो!
साथे समस्त तजी संग हवे विरामो;
चिद्रूप निर्मलतणुं शुचि धयान धाारो,
सौ अन्य संगति तजी निज कार्य सारो. २२.
अर्थ :मोह तथा तेनाथी थता कार्योने, संगने छोडीने तेमज
बीजानी संगति तजीने निर्मळ, शुद्धचिद्रूपनुं सद्ध्यान तुं धारण
कर. २२.