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[ ૧૮૪ ]
(સાખી)
સ્મરણો ભવ-ભવનાં રૂડાં, સ્વર્ણમયી ઇતિહાસ,
— દૈવી ઉર-આનંદિની ‘ચંપા’ પુષ્પ-સુવાસ.
કલ્પલતા મળી પુણ્યોદયથી ચિંતિતદાયિની હો બેન,
— સકલદુખનાશિની હો બેન!
મુક્તિ વરું — મનરથ એ માત પૂરો વરદાયિની હો બેન,
—મહાબલશાલિની હો બેન!...આવી૦
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[ ૧૮૫ ]
मंगलकारी ‘तेज’ दुलारी
(राग : निरखी निरखी मनहर मूरत)
मंगलकारी “‘तेज’दुलारी पावन मंगल मंगल है;
मंगल तव चरणोंसे मंडित अवनी आज सुमंगल है,
....मंगलकारी०
....मंगलकारी०
श्रावण दूज सुमंगल उत्तम, ×वीरपुरी अति मंगल है,
मंगल मातपिता, कुल मंगल, मंगल धाम रु आंगन है;
मंगल जन्ममहोत्सवका यह अवसर अनुपम मंगल है,
....मंगलकारी०
मंगल जन्ममहोत्सवका यह अवसर अनुपम मंगल है,
....मंगलकारी०
मंगल शिशुलीला अति उज्ज्वल, मीठे बोल सुमंगल हैं,
शिशुवयका वैराग्य सुमंगल, आतम-मंथन मंगल है;
आतमलक्ष लगाकर पाया अनुभव श्रेष्ठ सुमंगल है,
....मंगलकारी०
शिशुवयका वैराग्य सुमंगल, आतम-मंथन मंगल है;
आतमलक्ष लगाकर पाया अनुभव श्रेष्ठ सुमंगल है,
....मंगलकारी०
सागर सम गंभीर मति-श्रुत ज्ञान सुनिर्मल मंगल है,
समवसरणमें कुंदप्रभुका दर्शन मनहर मंगल है;
सीमंधर-गणधर-जिनधुनिका स्मरण मधुरतम मंगल है,
....मंगलकारी०
समवसरणमें कुंदप्रभुका दर्शन मनहर मंगल है;
सीमंधर-गणधर-जिनधुनिका स्मरण मधुरतम मंगल है,
....मंगलकारी०
“
तेजबा = पूज्य बहिनश्री चंपाबेनकी मातुश्री ×
वीरपुरी = पूज्य बहिनश्री चंपाबेनका जन्मस्थान वर्धमानपुरीवीरपुरी = पूज्य बहिनश्री चंपाबेनका जन्मस्थान वर्धमानपुरी (वढवाण शहेर)(वढवाण शहेर)
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[ ૧૮૬ ]
शशि-शीतल मुद्रा अति मंगल, निर्मल नैन सुमंगल हैं,
आसन-गमनादिक कुछ भी हो, शांत सुधीर सुमंगल है;
प्रवचन मंगल, भक्ति सुमंगल, ध्यानदशा अति मंगल है,
....मंगलकारी०
आसन-गमनादिक कुछ भी हो, शांत सुधीर सुमंगल है;
प्रवचन मंगल, भक्ति सुमंगल, ध्यानदशा अति मंगल है,
....मंगलकारी०
दिनदिन वृद्धिमती निज परिणति वचनातीत सुमंगल है,
मंगलमूरति-मंगलपदमें मंगल-अर्थ सुवंदन है;
आशिष मंगल याचत बालक, मंगल अनुग्रहदृष्टि रहे,
तव गुणको आदर्श बनाकर हम सब मंगलमाल लहें.
....मंगलकारी०
मंगलमूरति-मंगलपदमें मंगल-अर्थ सुवंदन है;
आशिष मंगल याचत बालक, मंगल अनुग्रहदृष्टि रहे,
तव गुणको आदर्श बनाकर हम सब मंगलमाल लहें.
....मंगलकारी०
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